बुधवार, 19 मार्च 2008

ये जो है जिंदगी..

राहुल भाई का परिचय दोस्तों के लिए,....हमारे कॉलेज के जमाने के संगी, कविताओं से इनका नाता मियां बीवी वाला है.. ये अपनी कविताओं को दुलराते हैं..उससे लड़ते हैं झगड़ते हैं और कई बार ये जद्दोजहद इनकी कविताओं को एक खास तेवर दे जाती है..काफी जिंदादिल इंसान है... पेश हैं इनकी रुमानी जिंदगी से चुराए गए कुछ अल्फाज....

कुछ इस कदर उदास हो चली है जिंदगी

मिले कोई भी ख़ुशी वो गुदगुदी बनती नहीं

तुम गए क्या जिंदगी से नेह जैसे मिट गया

एक लम्बी दास्तां जो कभी मिटती नहीं

कोई टिप्पणी नहीं: