रविवार, 17 फ़रवरी 2008

अरुण माहेश्वरी की किताब- एक कैदी की खुली दुनिया- से

पाब्लो नेरुदा की प्रेम कविताएं दुनियाभर में सराही जाती है। बेअंदाज रंगीनमिजाजी और बेपरवाह शख्सियत के मालिक नेरूदा ने अपनी जिंदगी में मुहब्बत की कई इबारतें लिखीं। नेरूदा की अधिकांश कविताओं में एक गहरा रूहानी एहसास है जो दिलो-दिमाग की तमाम सरहदों को खारिज करता है। नेरूदा की चंद पंक्तियां जो मुझे बेहद पसंद हैं..
कितना संक्षिप्त है प्यार,
और..
भूलने का अरसा..
कितना लंबा.....................

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