मंगलवार, 22 अप्रैल 2008

कुछ हाइकू .........

लखनऊ से भाई राहुल उपाध्याय ने ये हाईकू छंद भेजे हैं....जापानी छंद के तौर पर हिंदी में बेहद लोकप्रिय इस शैली की कविताओं का अपना एक अलग मिजाज होता है.. तो हाजिर है चंद अल्फाजों में गहरी से गहरी बात बयां करती राहुल भाई की ये रचनाएं...

मेरे भाई हो
बिल्कुल अलग
मुझसे दूर
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नभ के तारे
हैं कितने प्यारे
लेकिन दूर
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अंतर्मन
सुंदर पीड़ा से
खिल आया है
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चिडिया उड़ी
उड़कर आई है
धरती पर
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शब्द पार
अर्थ कई मिले हैं
तुम जैसे ही
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मेरे बाद तू
किसके बाद कौन
छोडो इसको

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