रविवार, 4 मई 2008

स्वागत है आपका

ये हमारे लिए फक्र की बात है कि वन्यजीवन पर शोध करने वाले देश के एक नामचीन रिसर्चर फैयाज ए खुदसर हमारे ब्लॉग से जुड़ गए हैं।.. फैयाज भाई मेरे पुराने दोस्त हैं.. अपनी जिंदगी के तमाम अहम साल उन्होंने जंगल की दुनिया को बचाने की मुहिम में झोंक दिए,,. मुझे हमेशा इस बात का फक्र रहा है कि फैयाज भाई जैसा शख्स मेरा दोस्त है...बेहद नेकदिल इंसान हैं.. मध्य प्रदेश के गुना में टाइगर को बचाने की मुहिम का एक बड़ा हिस्सा रहे है.. और वर्तमान में दिल्ली के बायो डाइवर्सिटी पार्क में एक सीनियर पद पर तैनात है..दिल्ली में पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में उन्ही के सानिध्य में मुझे जंगल की दुनिया पर काम करने वाले तमाम नामचीन लोगों से मिलने और उन्हें जानने का मौका मिला.. डॉक्टर रघु चुंडावत के घर पर हुई परिचर्चा का मैं हिस्सा बन पाया और वन्यजीवन की तमाम अहम जानकारियां मेरे हिस्से आईं. डॉक्टर रघु चुंडावत का देश-विदेश में काफी नाम है और वाइल्ड लाइफ पर उनके काम पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बना चुका है....डॉक्टर नीता शाह से मुलाकात भी फैयाज भाई ने ही कराई थी.. जो बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी से जुड़ी हैं और देश में गिद्धों की कम होती तादात पर काफी अहम काम कर रही हैं। जंगल को बचाने की मुहिम से जुड़े फैयाज भाई की शख्सियत के कई पहलू ऐसे भी हैं जिनके बारे में मैं चाहूंगा वो खुद ही बताएं तो बेहतर रहेगा.. उम्मीद है उनके लेख जंगल की दुनिया के बारे में हमारे सोचने समझने का दायरा बढ़ाएंगे...
आपका हमसफर
दीपक नरेश

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